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शुक्रवार, 14 जनवरी 2011

मां

जब तक रहेगी मां
सुबह से शाम तक
काम करते
थके मांदे लौटता हूँ घर
पिता पूछते हैं- क्या कमाया
पत्नी पूछती है- क्या बचाया
बच्चे पूछते हैं- क्या लाया
पर मां नहीं पूछती
क्या कमाया, क्या बचाया, क्या लाया
वह सिर्फ पूछती है- कुछ खाया
अड़तालीस का होने वाला हूँ मैं
पर
मां तो अभी तक नर्सरी का समझती है मुझे
नर्सरी मैं ही रहूँगा तब तक
जब तक रहेगी मां
अशोक कुमार
फ़ोटो: टी.सी. चन्दर 

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